
उत्तराखंड के लिए यह अत्यंत गर्व और हर्ष का विषय है कि हमारे राज्य ने 38वें राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह आयोजन केवल खेलों का महाकुंभ नहीं था, बल्कि उत्तराखंड की खेल प्रतिभा, संस्कृति और विकास की यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव भी था।
जब हमें इस प्रतिष्ठित आयोजन की मेजबानी का अवसर मिला, तो हमने इसे केवल एक खेल आयोजन के रूप में नहीं, बल्कि उत्तराखंड के आत्मनिर्भर, सशक्त और समृद्ध भविष्य की ओर बढ़ते कदम के रूप में देखा। हमारी सरकार ने इस आयोजन की तैयारियों को पूरी प्रतिबद्धता, समर्पण और सुनियोजित दृष्टिकोण के साथ संपन्न किया।
सफल आयोजन के पीछे टीम वर्क और समर्पण
इस आयोजन की सफलता के पीछे हमारे खिलाड़ियों, खेल अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, स्वयंसेवकों और प्रदेशवासियों की अथक मेहनत और समर्पण है। खेलों के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण, आधुनिक सुविधाओं का विकास और आयोजन की विश्वस्तरीय व्यवस्था हमारी सरकार की प्राथमिकता रही। हमने सुनिश्चित किया कि उत्तराखंड का प्रत्येक कोना राष्ट्रीय खेलों के जश्न में शामिल हो और हमारे अतिथि खिलाड़ियों, कोचों और अधिकारियों को सर्वश्रेष्ठ अनुभव मिले।
सरकार ने स्टेडियमों के आधुनिकीकरण से लेकर आवास, परिवहन, सुरक्षा और स्वच्छता की उच्चतम व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया। पूरे आयोजन में पर्यावरण-संवेदनशीलता को प्राथमिकता देते हुए हरित खेलों (ग्रीन गेम्स) की अवधारणा को अपनाया गया।
उत्तराखंड: खेलों का नया केंद्र
राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन के साथ ही उत्तराखंड ने यह साबित कर दिया है कि हम खेलों के क्षेत्र में भी एक प्रमुख केंद्र बनने की क्षमता रखते हैं। हमारी सरकार राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।
- खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार: प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम, खेल अकादमियां और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
- खिलाड़ियों के लिए विशेष योजनाएं: उत्तराखंड के युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए नई योजनाएं लागू की जा रही हैं।
- खेल नीति का क्रियान्वयन: राज्य की नई खेल नीति के तहत खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता, कोचिंग सुविधाएं और नौकरियों में प्राथमिकता दी जा रही है।
राष्ट्रीय खेलों की विरासत
राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन ने न केवल उत्तराखंड की पहचान को राष्ट्रीय स्तर पर सुदृढ़ किया, बल्कि यह राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत आधार भी बना। हमने यह संकल्प लिया है कि इस आयोजन की विरासत को बनाए रखते हुए उत्तराखंड को खेलों की नई राजधानी के रूप में विकसित करेंगे।
हमारे युवा खिलाड़ियों की ऊर्जा और समर्पण ने यह सिद्ध कर दिया है कि उत्तराखंड में ओलंपिक, एशियन गेम्स और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने की असीम संभावनाएं हैं।
अंत में…
मैं उत्तराखंड की जनता, खेल संघों, खिलाड़ियों और अधिकारियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई देता हूं। यह आयोजन हमारे राज्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा और आने वाले वर्षों में उत्तराखंड को खेलों के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
हमारा लक्ष्य स्पष्ट है—उत्तराखंड को न केवल पर्यटन और आध्यात्मिकता का केंद्र बनाना, बल्कि खेलों का एक मजबूत गढ़ भी बनाना। राष्ट्रीय खेलों की यह सफलता हमें प्रेरित करती है कि हम आगे भी इसी ऊर्जा और जोश के साथ कार्य करें और उत्तराखंड को खेलों की दुनिया में एक नई पहचान दिलाएं।